अंतिम ईंट

कमल जीत चौधरी

अपनी ऊंची बस्ती में
अपने से कम रन्दों वाले
तुम्हारे घर को देख
मैं प्रतिदिन अपने घर की
एक ईंट निकाल देता हूं,
मैं तुम्हारा हाथ पकड़ना चाहता हूं,
यह सपना पूरा नहीं हो रहा
दरअसल ईश्वर रोज़
तुम्हारे घर की एक ईंट
चुरा लेता है
हमारे फासलों का जश्न मना लेता है.

कामना है
ईश्वर के पाप का घड़ा जल्दी भरे
मैं उससे युद्ध करना चाहता हूं,
ईश्वर, जल्दी करो
प्रेम और युद्ध
मुझसे अंतिम ईंट दूर हैं.

Translate »