लक्ष्मी-उलूक संवाद
अपनी गर्दन को पंखों में छुपाये उल्लू गहरी नींद का आनंद ले रहा था तभी लक्ष्मी जी ने आवाज लगायी, ‘‘वत्स, उठो! अपने पंखों को झाड़-पोंछ लो. दीपावली निकट आ रही है हमें पृथ्वी लोक के भ्रमण पर चलना है.’’ ‘‘देवी, जाइए लंबी तान कर सो जाइए और मुझे भी चैन की नींद सोने दीजिये. […]
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