Satire

लक्ष्मी-उलूक संवाद

अपनी गर्दन को पंखों में छुपाये उल्लू गहरी नींद का आनंद ले रहा था तभी लक्ष्मी जी ने आवाज लगायी, ‘‘वत्स, उठो! अपने पंखों को झाड़-पोंछ लो. दीपावली निकट आ रही है हमें पृथ्वी लोक के भ्रमण पर चलना है.’’ ‘‘देवी, जाइए लंबी तान कर सो जाइए और मुझे भी चैन की नींद सोने दीजिये. […]

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वरिष्ठ जनों का राशिफल

हम वरिष्ठ जनों को बहुत सारी जगह उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. हमारे दृष्टिकोण से कहीं कोई सुविधा नहीं होती. हमारा उल्लेख नहीं होता. ये सब बहुत सामान्य है. हम भी बहुत सी चीजों से स्वयं ही अलग- थलग हो जाते हैं. असुविधा के आदी हो जाते हैं, लेकिन दैनिक/साप्ताहिक राशिफल में भी हमारा ध्यान

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लेने- देने की साड़ियां

आप शादियों के सीज़न में किसी भी साड़ी की दूकान पर चले जाइए, आपके यह कहते ही कि “भैया, साड़ियां दिखाइये” दुकान वाले का पहला प्रश्न होगा कि “लेने- देने की दिखाऊं या अच्छे में दिखाऊं?”   मतलब इस प्रश्न से इतना तो सिद्ध हो गया कि लेने- देने की साड़ियां अच्छी नहीं होतीं.  अब अगर आप वाकई

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“चंदा संस्कृति”

पति को ख़िला पिलाकर ऑफिस के लिए रवाना किया. घर के कामों से फुर्सत पाई.अब पूरा मूड था एक उपन्यास पढ़ने का. मेरा मनपसंद जासूसी उपन्यास बहुत दिनों बाद मिला था. ऐसे उपन्यास पढ़ने का अपना एक अलग ही आनन्द है. नायक और खलनायक की रेस,अपराधी की खोज, जीत हार सब मिलकर रोमांच पैदा करते है.

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