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विंध्य कोकिल भैयालाल व्यास कृत प्रबंध काव्य ‘सीता सत्यम” से कुछ छंद

1.सीता तो शास्वत गाथा है विलय और सृजन कीमहिमा मंडित मूरत मन की मंत्रों और भजन कीध्यानावस्थित हो कर प्रतिपल चिंतन और मनन कीपौराणिक संदर्भ समेटे वेदों के उदयन की.2.जनक सुता जग जननि जानकी जनक राज की पुत्री प्यारीइनके जनम कृत्य कौशल से तप से पूजित हो गई नारीधरती की बेटी विधि सर्जित अर्जित सिद्धि […]

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मधु सक्सेना की पुस्तक “पत्ते” से कुछ कविताएं 

“प्यारी चिड़ियो  मेरी आंखों में से पानी ले जाओकुछ बूंद पेड़ को देनावे हरे और छायादार बने रहेंगे.कुछ बूंद नदी को देनावे लबालब भरी रहेंगी सदाकुछ बूंद खेत में सींचनालहलहा उठेगी फसल.प्यारी चिड़ियोतुम्हारे देने में ही बरकत है.” “पेड़ तुमपीले पत्तों को देखनिराश मत होनाये फिर सेहरियाने का संकेत है.” “पत्ते हरे और घने हुएतो

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प्रीता व्यास की पुस्तक ‘बाली के मंदिरों के मिथक’  के कुछ अंश-

बाली में मंदिर हैं इतना सब जानते हैं लेकिन बाली में मंदिर ही मंदिर हैं ये कम लोग जानते हैं. हर मंदिर के साथ इतिहास या फिर कोई ना कोई दिलचस्प कहानी जुड़ी है. बाली द्वीप में छोटे-बड़े लगभग 4,500 मंदिर हैं जहां पूजा अर्चना भी होती है. बाली के खेत के मंदिर को देखकर

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 प्रीता व्यास की पुस्तक “खुरचन” के कुछ अंश- 

* जब आप पराये मुल्क में होते हैं तो आप सिर्फ एक व्यक्ति नहीं होते अपने देश का चेहरा होते हैं. आपके हर आचार- व्यवहार से आपके देश के स्वभाव और संस्कार को देखा, परखा जाता है, कोई ये नहीं कहता कि फलाने व्यक्ति ने ऐसा किया, कहा जाता है कि फलाने देश वाले ने ऐसा किया, फैलाने देश वाले

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गीत चतुर्वेदी के उपन्यास  ‛उस पार’ से कुछ अंश

“वह प्रेम की सबसे सुंदर अवस्था होती है, जब संगीत सुनने के लिए हमें ध्वनियों की आवश्यकता नहीं पड़ती. सबकुछ बेआवाज़ बजता है. जब गीत गाने के लिए शब्द की ज़रूरत न हो, बात कहने के लिए न ‘बात’ की ज़रूरत हो, न ‘कहन’ की. और प्यार? शब्दहीन, अर्थहीन, अनकहा-सा, जो ख़ुद को ख़ुद का पता बता दे. ख़ुद का पता खोजना है, तो लापता होना ही

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