Folk Culture/ Life

बुंदेलखंड का राई नृत्य

राई बुंदेलखंड का सर्वोत्कृष्ट लोक नृत्य है. मात्र राई कह देने से जैसे बुंदेलखंड के लोक रंग की आभा चारों ओर बिखर जाती है. यह एक बारहमासी नृत्य है, तभी सभी किस्म के उत्सवों, समारोहों, मांगलिक अवसरों तथा विभिन्न ऋतुओं में इसका प्रदर्शन दर्षकों को भावविभोर कर देता है. यह विधा बेहद प्राचीन है, इसके […]

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चंदा ऊगे बड़े भिंसारे

पितृपक्ष खत्म होने को है. मौसम में गुलाबी ठंडक आ गयी है. सुबह हल्का-सा कुछ ओढ़ लेने का मन करता है. ज़ाहिर है, नवरात्रि आ गयी है. ऐसी गुलाबी ठंडक नवरात्रों में ही होती है. नवरात्रि शुरु होते ही मेरा मन एकदम बचपन की ओर भागने लगता है. बचपन की उन गलियों में, जहां हम

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रावणहत्था: राजस्थान के लोकगीतों की जान 

उसकी धुन सबको मंत्रमुग्ध कर देती है. उससे झरने वाली स्वर लहरियां एक अजीब-सा सम्मोहन उत्पन्न करती हैं. उससे निकलने वाली धुन शब्द बनकर वातावरण को अपने मोहपाश में बांध देती है. आप समझ ही गए होगें हम  किसकी बात कर रहे हैं? जी हां, हम बात कर रहे हैं रावणहत्था  की. रावणहत्था  एक ऐसा

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इस बार ‘वान’ में क्या देंगे?

मकर संक्रांति के आगमन से एक सप्ताह पूर्व यह प्रश्न हमारे घर की संसद में उठाया जाने लगता- इस बार ‘वान’ में क्या देंगे या क्या देना है? आप लोगों के लिए ‘वान’ यह शब्द नया होगा इस शब्द तक पहुंचने के लिए इसकी पृष्ठभूमि बताना आवश्यक होगा. मकर संक्रांति पर्व के विषय में हम सब जानते

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दतिया की रामलीला: अभिनय के कलाकारों का गुरुकुल

विनोद मिश्र सुरमणि चैत्र नव दुर्गा अथवा आश्विन माह में रामलीला का मंचन होने की परंपरा संपूर्ण देश में एक कार्यशाला या गुरुकुल के रूप में  अपना कार्य करती रही है. आयोजित रामलीला में, एक रामलीला तो वह जिसमें व्यवसायिक कलाकारों के द्वारा राम के चरित्र को दर्शकों के सामने रखते हैं दूसरा मंचन वह जिसमें

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