– त्रिलोक सिंह ठकुरेला
सबके जीवन को महकाते
प्यारे और निराले फूल.
मोहक मोहक गंध लुटाते
सुन्दर भोले-भाले फूल.
तितली-दल को पास बुलाते
मनहर जादू वाले फूल.
भ्रमर झूमने लगते आकर
हो जाते मतवाले फूल.
उपवन को रमणीक बनाते
विविध रूप रंग वाले फूल.
खिलते-हिलते साथ निभाते
अलग-अलग ढंग वाले फूल.
मिलकर सबका मन बहलाते
हैं हरषाने वाले फूल.
सबके जीवन में सुख लाते
सुख बरसाने वाले फूल.
सबके मन को खूब रिझाते
नेह दिखाने वाले फूल.
हिलमिल कर रहना सिखलाते
मेल सिखाने वाले फूल.
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