हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति हमारी जड़ों का खाद- पानी हैं,’ प्रीता व्यास

रिपोर्ट: शिरीष शर्मा

“हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति हमारी जड़ों का खाद पानी है”, ये बात सुप्रसिद्ध हिंदी लेखिका और पहचान की प्रधान संपादक प्रीता व्यास ने पिछले दिनों आयोजित “एक्टिव इंडिया” कार्यक्रम में कही. उन्होंने अपने संबोधन में कहा,” हम जिस मिट्टी में पैदा होते हैं वो हमारे वजूद का हिस्सा बन जाती है, हम उसे अपने से अलग नहीं कर सकते. हम कहीं जा बसें, कोई भी नागरिकता अपना लें जब किसी फ़ार्म में एथनिसिटी भरना पड़ती है तो “इंडियन” ही लिखते हैं. जब कभी ‘मूल रूप से कहां के हैं?’ का सवाल आता है तो अपनी “मूल” की ओर लौटना ही पड़ता है. हमारे पत्ते हरे रहें, सजीले रहें इसलिए ज़रूरी है कि हमारी मूल यानि हमारी जड़ ज़िंदा रहे.”

Preeta Vyas

न्यूज़ीलैंड चंडीगढ़ क्लब और ओटारा पापाटोयटोय लोकल बोर्ड के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ. क्लब की अध्यक्षा रीटा अरोड़ा ने संचालन संभाला और बखूबी निभाया. पंद्रह सालों से नृत्य करती आ रही अंबिका कृष्णमूर्ति और दस वर्ष की नन्ही सहाना ने भरतनाट्यम प्रस्तुत किया. कथक केंद्र समूह द्वारा कथक और  तेलुगु एसेंस समूह द्वारा तेलुगु नृत्य प्रस्तुत किया गया. बॉलीवुड बीट्स द्वारा डांडिया और गरबा और गुजराती बच्चों का एक नृत्य प्रदर्शन मेहमानों द्वारा बहुत सराहा गया. असमिया कलाकार द्वारा बिहू नृत्य की प्रस्तुति हुई. ऑकलैंड के लोक प्रिय गायक गोपाल भाटिया ने अपने गीत से सबका मन मोह लिया।

कार्यक्रम में जार्जिया के कोनसोलेट माननीय जगजीत सिंह जी सहित नगर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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