Pehachaan पहचान

Author: Pehachaan

  • जीवन क्या है?

    जीवन क्या है?

    (राजेंद्र रंजन चतुर्वेदी): मुझसे कोई यह पूछे कि एक वाक्य में बतलाओ- जीवन क्या है?

  • अपने गांव के कुछ भूले बिसरे लोग

    अपने गांव के कुछ भूले बिसरे लोग

    (बाबूलाल दाहिया): अपने गांव के भूले बिसरे लोगों में एक नाम अक्सर स्मरण हो आता है वह है बंदू कुम्हार का. बंदू जी अद्भुत आल्हा गायक थे.…

  • नैनं दहति पावकः

    नैनं दहति पावकः

    (सुधा गोयल): अभी कुछ देर पहले ही मेरी मृत्यु हुई है. मैं अपना शरीर छोड़कर धूम्ररेखा की तरह ऊपर उठ रहा हूं. हवा के झोंकों से कभी…

  • प्रेम और जंगल

    प्रेम और जंगल

    (मधु सक्सेना): मन के न जाने किस जंगल में पलाश फूला कि झर गई सब विषाद की पत्तियां

  • एक अनुत्तरित प्रश्न

    एक अनुत्तरित प्रश्न

    (निशा कुलश्रेष्ठ): तुम  दिन भर करती क्या हो? हां, मैं सचमुच दिन भर करती भी क्या हूं?

  • तुम्हारी आंखों में छुपे मसौदे

    तुम्हारी आंखों में छुपे मसौदे

    (मुकेश इलाहाबादी): दुनिया कि सारी भाषाएं सीख भी लूं तो भी नहीं पढ़ सकता

  • याद आ गया गांव

    याद आ गया गांव

    (सुनील श्रीवास्तव): गांव आ गया, याद आ गया सब कुछ हमको,

  •  बाजरे का पौधा

     बाजरे का पौधा

    (मालिनी गौतम): गमले में अपने आप ही उग आया था

  • बुंदेलखंड के विवाह और लोकगीत

    बुंदेलखंड के विवाह और लोकगीत

    (वंदना अवस्थी दुबे): हिंदुस्तान विभिन्न संस्कृतियों को समेटने वाला एक अद्भुत देश है. ज़रा-ज़रा सी दूरी पर यहां लोकाचार में भिन्नता स्पष्ट दिखाई देती है. त्यौहार मनाने…

  • पृथ्वी पर रहने का किराया

    पृथ्वी पर रहने का किराया

    (शरद कोकास): सही-सही बताइये, क्या आपके मन में कभी यह ख़्याल आया है कि अगर हमें पृथ्वी पर रहने का किराया देना होता तो क्या होता?आप सोच…

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