Pehachaan पहचान

Author: Pehachaan

  • देवी पूजा का इतिहास

    देवी पूजा का इतिहास

    (रजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी): आचार्य कुबेरनाथ राय ने देवी-पूजा को केन्द्र में रख कर तीन महत्त्वपूर्ण शोध निबन्ध लिखे थे जो श्री गुलजारीलालनन्दा के मानवधर्ममिशन के पत्र नवजीवनपथ…

  • रामदरश मिश्र: एक युग

    रामदरश मिश्र: एक युग

    (डॉ. अनिता कपूर (कैलिफोर्निया, अमेरिका)): साहित्य की कोई उम्र नहीं पर जो साहित्य एक युगपुरुष साहित्यकार के साथ चला हो, उनकी लेखनी से निकला हो, वो एक…

  • जग को यह स्वीकार नहीं है

    जग को यह स्वीकार नहीं है

    ( डॉ. निधि सिंह): प्रिय, मत भेजो मुझे संदेसे, जग को यह स्वीकार नहीं है.

  • ज्योतिर्मय हो जग सारा

    ज्योतिर्मय हो जग सारा

    (डॉ. निधि सिंह): नव युग मंगल किरणों का सर्वत्र व्याप्त उजियारा.

  • पर्यावरण गीत

    पर्यावरण गीत

    (विनीता गुप्ता): हे! तरुवर, हे! महा विटप तुम स्वीकारो मेरा वंदन.

  • जय श्री राम

    जय श्री राम

    (विनीता गुप्ता): भारत की माटी का हर कण राम नाम अब बोल रहा.

  • सरप्राइज़

    सरप्राइज़

    (रवि ऋषि): नन्हा बंटी अब दो साल का होने को आया था. ऋतिक और रानी दोनों सुबह जल्दी काम पर निकलते थे सो नन्हे बंटी को घर…

  • नवरात्रि, नवमी और पेट में खाद्य विस्फोट

    नवरात्रि, नवमी और पेट में खाद्य विस्फोट

    (पल्लवी त्रिवेदी): “क्या मम्मी सुबह सात बजे से नहला दिया और सोना था ना अभी.” घर के बाहर चिड़ियां चहचहाती और घर के भीतर हम चिड़चिड़ाते. 

  • आग को पूजने की परंपरा

    आग को पूजने की परंपरा

    (संजय निरुपम): क्या आप जानते हैं कि हर साल दुनिया में 12 लाख लोग जलकर मर जाते हैं? सिर्फ भारत में हर साल 16 लाख अग्निकांड होते…

  • हमारी ग्रामीण नवरात्रि: तब और अब

    हमारी ग्रामीण नवरात्रि: तब और अब

    (विजयशंकर चतुर्वेदी): बचपन के गांव में सारे त्यौहार ऋतुओं और कृषि से जुड़े होते थे, बाज़ार न के बराबर था. नवरात्रि के दौरान शरद के निरभ्र आकाश,…

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