Author: Pehachaan
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नवरात्रि, नवमी और पेट में खाद्य विस्फोट
(पल्लवी त्रिवेदी): “क्या मम्मी सुबह सात बजे से नहला दिया और सोना था ना अभी.” घर के बाहर चिड़ियां चहचहाती और घर के भीतर हम चिड़चिड़ाते.
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आग को पूजने की परंपरा
(संजय निरुपम): क्या आप जानते हैं कि हर साल दुनिया में 12 लाख लोग जलकर मर जाते हैं? सिर्फ भारत में हर साल 16 लाख अग्निकांड होते…
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हमारी ग्रामीण नवरात्रि: तब और अब
(विजयशंकर चतुर्वेदी): बचपन के गांव में सारे त्यौहार ऋतुओं और कृषि से जुड़े होते थे, बाज़ार न के बराबर था. नवरात्रि के दौरान शरद के निरभ्र आकाश,…
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कमरे में चांद
(निवेदिता भावसार): रात थी.गहरी सी. नींद बस पलकों पर ही थी. सांसें अपनी रिदम से चल रही थीं के अचानक ज़ोर की
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नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी
(शरद कोकास) : संपूर्ण विश्व में पर्वों का संबंध मूल रूप से कृषि से ही रहा है. लोक जीवन में धर्म का समावेश हो जाने के पश्चात…
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हर साल होता है एक दिन का लॉकडाउन बाली में
(शिरीष शर्मा) : दुनिया की कम से कम आधी आबादी ने लॉकडाउन को अनुभव किया, देखा कि जीवन की गति धीमे होने से पर्यावरण को कितना लाभ…
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कसार देवी मंदिर
(संजय शेफर्ड): हिमालय की गोद में बसा कसार देवी मंदिर वैसे तो बहुत ही शांत और सुरम्य है पर यहां विज्ञान के कई अद्भुत रहस्य भी छुपे…
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हू केयर्स?
(रोहित कुमार हैप्पी) : अगस्त का महीना विदेश में बसे भारतीयों के लिए बड़ा व्यस्त समय होता है.
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हरछठ
(शरद कोकास) : हमारे आसपास लोक की अनेक कथाएं बिखरी हुई हैं. कुछ कथाओं को धार्मिक ग्रंथों ने सहेज लिया है
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रक्कस बाबा
(रजनी अरजरिया): हमारे जुझौतीखंड में अनेक प्रकार के ग्राम देवी देवताओं की पूजा होती है जैसे लाला हरदौल, कारस देव