Author: Pehachaan
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नेहा का छाता
(कुसुम अग्रवाल): नेहा देखो मैं तुम्हारे लिए एक नया छाता लाई हूं. तुम इसे अपने बस्ते में रख लो ताकि जरूरत पड़ने पर यह तुम्हारे काम आए
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गढ़पहरा
(कुमार रूपेश): सागर (म. प्र.) की पुरातात्विक विरासत में गढ़पहरा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है.
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भगवद्गीता से पहुंचें अपने सर्वोच्च स्तर तक
(ऋषभ मिश्रा) : भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने हमें यह संदेश दिया है कि हमें किस प्रकार अपने ऊपर कार्य करना चाहिए.
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बुंदेली के महाकवि ईसुरी को कैसे पढ़ें
(डॉ. के. बी. एल. पाण्डेय) : बुंदेली के महाकवि ईसुरी को किस तरह पढ़ा जाए?
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भारतीय वैज्ञानिक ने बनाया दालों से डेरी- फ्री मिल्क पाउडर और क्रीम
(प्रीता व्यास): दालों से मिल्क पाउडर बना पाना, क्रीम भी और अब आइसक्रीम की कोशिश करना
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समकालीन हिंदी उपन्यासों में अभिव्यक्त किन्नर संघर्ष
(रामेश्वर महादेव वाढेकर) : समकालीन साहित्य का अध्ययन करने के पश्चात समझ आता है कि स्त्री विमर्श
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एक मैं अनेक मैं
(निधि अग्रवाल) : अगर मैं आपसे कहूंगी तो आपको शायद यकीन न हो आप इसे किसी विचलित रात का आतंकित सपना समझें किंतु यह अक्षरश: सच है.
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लक्ष्मी-उलूक संवाद
(लक्ष्मी-उलूक संवाद) : अपनी गर्दन को पंखों में छुपाये उल्लू गहरी नींद का आनंद ले रहा था तभी लक्ष्मी जी ने आवाज लगायी, ‘‘वत्स, उठो! अपने पंखों…