Category: Folk Article
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हरछठ
(शरद कोकास) : हमारे आसपास लोक की अनेक कथाएं बिखरी हुई हैं. कुछ कथाओं को धार्मिक ग्रंथों ने सहेज लिया है
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रक्कस बाबा
(रजनी अरजरिया): हमारे जुझौतीखंड में अनेक प्रकार के ग्राम देवी देवताओं की पूजा होती है जैसे लाला हरदौल, कारस देव
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बुंदेलखंड का राई नृत्य
(डॉ. प्रेमलता मिश्रा) : राई बुंदेलखंड का सर्वोत्कृष्ट लोक नृत्य है. मात्र राई कह देने से जैसे बुंदेलखंड के लोक रंग की आभा चारों ओर बिखर जाती…
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राजस्थान की हरियाली तीज
(कपिल जोशी): राजस्थान त्योहारों की धरती है. यहां समय-समय पर मनाये जाने वाले त्योहार व मेले आम जन-जीवन में नवीन उत्साह वह उमंगों का संचार करते हैं.
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रावणहत्था: राजस्थान के लोकगीतों की जान
(पवन चौहान): उसकी धुन सबको मंत्रमुग्ध कर देती है. उससे झरने वाली स्वर लहरियां एक अजीब-सा सम्मोहन उत्पन्न करती हैं.
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लोक वाद्यों का संरक्षण कर रही है संगीत गुरुकुल दतिया
(विनोद मिश्र सुरमणि): सांस्कृतिक एवं लोक परंपराओं के लिए बुंदेलखंड अपनी पहचान रखता है यहां की माटी की सुगंध वातावरण में समाई हुई है.