Category: Folk Story
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रो पाने का सुख (कर्नाटक की लोक कथा)
(अनुवाद: प्रीता व्यास): एक ज़माने में एक महिला थी जिसे एक दिन लगा कि दिल पर बड़ा बोझ है चुपचाप रो लेना चाहिए.
(अनुवाद: प्रीता व्यास): एक ज़माने में एक महिला थी जिसे एक दिन लगा कि दिल पर बड़ा बोझ है चुपचाप रो लेना चाहिए.