Category: Litreature Article
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आग को पूजने की परंपरा
(संजय निरुपम): क्या आप जानते हैं कि हर साल दुनिया में 12 लाख लोग जलकर मर जाते हैं? सिर्फ भारत में हर साल 16 लाख अग्निकांड होते…
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हमारी ग्रामीण नवरात्रि: तब और अब
(विजयशंकर चतुर्वेदी): बचपन के गांव में सारे त्यौहार ऋतुओं और कृषि से जुड़े होते थे, बाज़ार न के बराबर था. नवरात्रि के दौरान शरद के निरभ्र आकाश,…
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समकालीन हिंदी उपन्यासों में अभिव्यक्त किन्नर संघर्ष
(रामेश्वर महादेव वाढेकर) : समकालीन साहित्य का अध्ययन करने के पश्चात समझ आता है कि स्त्री विमर्श
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एक मैं अनेक मैं
(निधि अग्रवाल) : अगर मैं आपसे कहूंगी तो आपको शायद यकीन न हो आप इसे किसी विचलित रात का आतंकित सपना समझें किंतु यह अक्षरश: सच है.
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माह-ए-रमज़ान मुबारक
(ध्रुव गुप्त) : माह-ए-रमज़ान जारी है. यह क़ुरआन शरीफ के दुनिया में अवतरण का महीना है और इसीलिए इसे इस्लामी कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना माना गया…
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प्रकृति के संवरने का मौसम है सावन
(ध्रुव गुप्त) : सावन के महीने का आरंभ हो गया है. सावन बारिशों का महीना है जब महीनों की झुलसाती धूप और ताप से बेचैन धरती की…
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भारत की राष्ट्रीयता
(अरुण उपाध्याय): पुराणों में विश्व के 2 प्रकार के विभाजन हैं. 7 लोक और तल-उत्तर गोल का 4 खंड में समतल नक्शा बनता था जो विषुव रेखा…
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सांप बचेगा तो धरती बचेगी
(पंकज चतुर्वेदी): आदिकाल में मनुष्य जिससे डरा, जिससे उपकारित हुआ, उन सभी को पूजने लगा.